शारदीय नवरात्रि में व्रत की विधि नवरात्रि पूजा कैसे करे

नवरात्रि के दौरान व्रत (fasting) का आचरण भक्तों के बीच एक सामान्य आध्यात्मिक अभ्यास है। यहां एक मार्गदर्शिका है कि व्रत को भक्ति और परंपरागत विधियों के साथ कैसे आचरण किया जा सकता है:

  1. संकल्प और शुद्धता (Intention and Purity):
    • दिन की शुरुआत एक शुद्ध हृदय और स्पष्ट संकल्प के साथ करें।
    • व्रत को आशीर्वाद, शक्ति, और शुद्धि प्राप्त करने के लिए समर्पित करें।
  2. सात्विक आहार (Sattvic Diet):
    • सात्विक आहार में फल, दूध, और खजूर शामिल करें।
    • व्रत के दौरान अनाज, प्याज, लहसुन, और मांसाहारी आहार से बचें।
  3. हाइड्रेशन (Hydration):
    • पानी, नारियल पानी, या हर्बल चाय की मदद से अच्छी तरह से हाइड्रेट रहें।
    • कैफीन और शुगरीय बेवरेज से बचें।
  4. व्रत का समय (Fasting Timings):
    • व्रत सामान्यत: सूर्योदय से शुरू होता है और अगले सूर्योदय तक चलता है।
    • कुछ लोग कृत्रिम समय, जैसे कि सूर्योदय से सूर्यास्त तक, का चयन करते हैं।
  5. पूजा और भक्ति (Puja and Devotion):
    • नियमित पूजा और भक्तिपूर्ण अभ्यासों में शामिल हों।
    • दिव्यता के लिए फूल, फल, और शुद्ध भावनाओं की पेशकश करें।
  6. मंत्र जाप (Mantra Chanting):
    • भगवती दुर्गा के प्रति समर्पित मंत्र जाप को शामिल करें।
    • दुर्गा चालीसा या कोई पसंदीदा स्तोत्रों का पाठ करें।
  7. शास्त्र पाठ (Reading Scriptures):
    • नवरात्रि और देवी दुर्गा से संबंधित पवित्र ग्रंथों और कहानियों को पढ़ें।
    • आध्यात्मिक शिक्षाओं और त्योहार के महत्व का आत्मचिंतन करें।
  8. समुदाय में भागीदारी (Community Participation):
    • सामूहिक घटनाओं और सत्संगों में शामिल होने से सामूहिक आध्यात्मिक ऊर्जा में सुधार होता है।
    • परिवार और दोस्तों के साथ उपवास और भक्ति का आनंद लें।
  9. व्रत खोलना
    • व्रत को साधारित और सात्विक आहार के साथ खोलें।
    • पानी से शुरू करें, फिर फलों से, और उसके बाद एक हल्के भोजन से।

नवरात्रि पूजा कैसे करें

नवरात्रि, जो देवी दुर्गा को समर्पित है, श्रद्धापूर्वक पूजा अनुष्ठान के साथ आता है। यहां नवरात्रि पूजा कैसे करें, इसका कदम-से-कदम मार्गदर्शन है:

आवश्यक सामग्री:

  1. देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र: अपने पूजा क्षेत्र में देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र रखें।
  2. पूजा थाली: एक पूजा थाली तैयार करें जिसमें एक दिया (लैंप), अगरबत्ती, रोली (सिन्दूर), चावल, फूल, नारियल, और प्रसाद (ब्रज) शामिल हों।
  3. कलश: एक कलश स्थापित करें जिसमें पानी डालें, आम के पत्ते सजाएं, और एक नारियल रखें।
  4. प्रार्थना शाल और फूल: अर्पण के लिए प्रार्थना शाल (चुनरी) और ताजगी वाले फूल रखें।
  5. सप्तपदी या सात कदम: सप्तपदी के लिए सात छोटे पात्र या प्लेट्स तैयार करें, जो सात कदमों को प्रतिष्ठित करते हैं।

पूजा प्रक्रिया:

  1. कलश स्थापना:
    • कलश की स्थापना से प्रारंभ करें। इसे पूजा क्षेत्र में एक चावल की बेड पर रखें।
    • कलश को पानी से भरें और उसमें आम के पत्ते, नारियल, और थोड़ा सा चावल डालें।
  2. गणेश और कलश पूजा:
    • भगवान गणेश को आमंत्रित करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजा करें।
    • कलश की पूजा के लिए रोली, चावल, फूल, और अगरबत्ती का आराधना करें।
  3. देवी प्रति समर्पण (अवाहन):
    • देवी दुर्गा को अवाहन करें और उनकी उपासना के लिए अपने मन को समर्पित करें।
    • मंत्रों और श्लोकों के साथ देवी की मूर्ति को पूजें और चावल, फूल, और धूप से अर्पित करें।
  4. सप्तपदी:
    • सात छोटे पात्रों या प्लेट्स को सजाकर सप्तपदी की पूजा करें।
    • प्रतिष्ठान में सात कदमों का आदान-प्रदान करें और प्रत्येक कदम पर उपहार अर्पित करें।
  5. आरती और प्रदक्षिणा:
    • देवी को आरती अर्पित करें और प्रदक्षिणा करें।
    • भक्ति भाव से देवी की पूजा को समाप्त करें और प्रसाद साझा करें।

यहा बताया गया है कि नवरात्रि के दौरान कैसे खाना चाहिए और क्या खाना चाहिए

  1. सात्विक आहार (Sattvic Diet):
    • नवरात्रि के दौरान सात्विक आहार का पालन करें।
    • इसमें फल, सबुदाना, कटहल, और दूध समाहित हैं।
  2. अनाजों से बचें (Avoid Grains):
    • व्रत के दिनों में अनाजों, जैसे कि गेहूं, चावल, और मक्का, से बचें।
    • सबुदाना, कुट्टू, सिंघाड़ा, और अमरंथ उपयोग करें।
  3. सबुदाना और खजूर का सेवन (Include Sabudana and Dates):
    • सबुदाना और खजूर नवरात्रि के व्रत में प्रमुख आहार हो सकते हैं।
    • इन्हें नारियल के साथ मिलाकर खाने का सोचें।
  4. फलों का सेवन (Consume Fruits):
    • सभी प्रकार के फलों को शामिल करें।
    • केला, सेब, अंजीर, और खुजली वाले फल अच्छे रहते हैं।
  5. दूध और दैहिक आहार (Include Milk and Dairy):
    • दूध, दही, और पनीर सहित दैहिक आहार शामिल करें।
    • यह सात्विक आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  6. देवी पूजा के दिनों का विचार (Consideration for Puja Days):
    • विशेष रूप से देवी पूजा के दिनों में व्रत और पूजा का समय बनाएं।
    • उपवास के दिनों में सफलता के लिए पूर्ण भक्ति और समर्पण बनाए रखें।
  7. तेल और नमक से बचें (Avoid Oil and Salt):
    • तेल और नमक का पूरा त्याग करें।
    • यह व्रत के नियमों में शामिल है और सात्विक आहार को बनाए रखता है।
  8. स्वदेशी और ताजगी (Homemade and Fresh):
    • खाना स्वदेशी रूप से बनाएं और ताजगी से खाएं।
    • बाजार से पैक्ड खाद्य पदार्थों से बचें।

नवरात्रि के दौरान सावधानीपूर्वक आहार लेने से न केवल आपका आध्यात्मिक संबंध मजबूत होता है बल्कि यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है। इस पवित्र अवसर पर, आपको आनंद, शांति, और सुख के साथ नवरात्रि की शुभकामनाएं।

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